ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव अपने भक्तों पर जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिव जी को उनकी दया और करुणा के लिए भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है। शिव जी इतने भोले हैं कि केवल बेलपत्र और जल चढ़ाने से ही अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की मनोकामना को बहुत जल्द पूरी कर देते हैं। हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है क्योंकि बाबा भोलेनाथ को सावन का महीना बहुत प्रिय है।
इसलिए सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए उनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है एवं कांवड़ यात्रा भी करते हैं।
भगवान शिव की पूजा के दौरान शिव चालीसा और शिवजी की आरती करनी चाहिए। ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं। आइए पढ़े भगवान भोलेनाथ का चालिसा एवं आरती।
शिव चालीसा पाठ विधि
शिव चालीसा का पाठ शांत मन से भगवान शिव का ध्यान करते हुए करें। शिव चालीसा का पाठ करते समय साधक का मुख पूर्व दिशा में हो। पाठ करते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए I शिव चालीसा का पाठ करने से पहले महादेव को चंदन, धूप-दीप इत्यादि अर्पित करें और शुद्ध मिश्री के रूप में प्रसाद का भोग लगाएं। आप इस पाठ कों 3, 5, 11 या फिर 40 बार करें।
शिव चालीसा पाठ के लाभ
शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि शिव चालीसा पाठ से कई फायदे हैं। इस तरह से पाठ करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है। सेहत ठीक रहती है और शिव जी हर तरह के खतरे से बचाते हैं। शिव चालीसा बेहद गर्भवती महिलाओं के शिव चालीसा का पाठ करने से बच्चे की रक्षा होती है।
शिव चालीसा का पाठ करने या सुननें से स्वास्थ्य संबंधी समस्या वाला व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है। शिव चालीसा का पाठ करने से नशे की लत और तनाव से छुटकारा मिलता है।
शिव चालीसा (SHIV Chalisa)
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥
॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥
अंग गौर सिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देखि नाग मुनि मोहे ॥
मैना मातु की हवे दुलारी ।
वाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
या छवि को कहि जात न काऊ ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा ।
तबहीं दुख प्रभु आप निवारा ॥
किया उपद्रव तारक भारी ।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥
तुरत षडानन आप पठायउ ।
लव निमष महं मारि गिरायउ ॥
आप जलंधर असुर संहारा ।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।
तबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी ।
पुरव प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहीं पाई ॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥
कीन्ह दया तहं करी सहाई ।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
सहस कमल में हो रहे धारी ।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
करत कृपा सब के घटवासी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।
यहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
संकट से मोहि आन उबारो ॥
मात-पिता भ्राता सब होई ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
आय हरहु मम संकट भारी ॥
धन निर्धन को देत सदाहीं ।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
शंकर हो संकट के नाशन ।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
नारद सारद शीश नवावैं ॥
नमो नमो जय नमः शिवाय ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पाठ करे मन लाई ।
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई ।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥
पण्डित त्रयोदशी को लावै ।
ध्यानपूर्वक होम करावै ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
तन नहीं ताके रहै कलेशा ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावै ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावै ॥
जन्म जन्म के पाप नसावै ।
अन्त धाम शिवपुर में पावै ॥
कहत अयोध्या आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥
॥ दोहा ॥
नित्त नेम उठि प्रातः ही,
पाठ करो चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत् चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ॥
हिंदू धर्म में कोई भी पूजा बिना आरती किए अधूरी मानी जाती है।
( ॐ जय शिव ओंकारा LYRICS IN HINDI )
ॐ जय शिव ओंकारा ,भोले जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव ,अर्द्धांगी धारी ।
भोले अर्द्धांगी धारी ।
ॐ जय शिव ओंकारा ॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
भोले पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ।
ॐ जय शिव ओंकारा ॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
भोले दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ।
ॐ जय शिव ओंकारा ॥
अक्षमाला बनमाला मुंडमाला धारी
भोले मुंडमाला धारी ।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ।
ॐ जय शिव ओंकारा ॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
भोले बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ।
ॐ जय शिव ओंकारा ॥
कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूल धर्ता ।
भोले चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगपालनकर्ता ।
ॐ जय शिव ओंकारा ॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
भोले जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ।
ॐ जय शिव ओंकारा ॥
त्रिगुण स्वामी जी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ।
ॐ जय शिव ओंकारा ,भोले जय शिव ओंकारा ॥
SHIV AARTI ( OM JAI SHIV OMKARA LYRICS IN ENGLISH )
Jai shiv om kara
Om Jai Shiv Omkara, Bhole Jai Shiv Omkara.
Brahma Vishnu sada Shiva, ardhangi dhara.
Om Jai Shiv Omkara ॥
Ekanan Chaturanan Panchanan Raje.
Bhole Panchanan Raje.
Hansanan Garudasana Vrishvahan saaje
Om Jai Shiv Omkara ॥
Do bhuj , chaar chaturbhuj , dus bhuj ati sohe.
Bhole dus bhuj ati sohe.
Trigun Rupnirakhta Tribhuvan Jan Mohe.
Om Jai Shiv Omkara ॥
Akshamala Banmala Mundamala Dhari.
Bhole Mund Mala Dhari.
Tripurari kansari karmala dhaari
Om Jai Shiv Omkara ॥
Shwetambar Pitambar Baghambar Ange.
Bhole Baghambar Ange.
Sankadik Garunadik Bhootadik Sange.
Om Jai Shiv Omkara ॥
Karke madhya kamandal chakra trishul dharta
Bhole chakra trishul dharta
Jag karta jag bharta jag palan karta
Om Jai Shiv Omkara ॥
Brahma Vishnu SadaShiv jaanat aviveka
Bhole jaanat aviveka
Pranvakshar mei shobhit ye teeno eka
Om Jai Shiv Omkara ॥
Trigun Swami ji ki aarti Jo koi nar gaave
Kahat Shivanand Swami manvanchit phal paave
Om Jai Shiv Omkara , Bhole Jai Shiv Omkara ॥
डिसक्लेमर :इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/प्रवचनों/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर आप तक पहुंचाई गई हैं।उम्मीद है कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए आर्टिकल के नीचे आ रहे कमेंट सेक्शन में हमें कमेंट कर जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट मेरा पिटारा के साथ।