Income Tax आजकल एक टेंशन देने वाला वर्ड है। जैसे कमाई बढ़ती है, टैक्स भी बढ़ता है, लेकिन अगर स्मार्ट तरीके से टैक्स प्लानिंग की जाए तो टैक्स को न सिर्फ़ कम किया जा सकता है, बल्कि जीरो भी किया जा सकता है।
Income Tax (टैक्स) कैसे बचाएं?
सामान्य रूप से य़े देखा गया है कि सैलरी (income) बढ़ते ही टैक्स (tax) की देनदारी भी बढ़ती है। खासकर बड़े सैलरी ब्रैकेट वालों के लिए यहचिंता का विषय है। लेकिन, आपके पास टैक्स बचाने (Tax savings) का बढ़िया तरीका है. इसके लिए प्लानिंग जरूरी है. अगर आप 10 लाखरुपए के सालाना सैलरी ब्रैकेट में आते हैं तो भी टैक्स के रूप में आपका 1 भी नहीं जाएगा. आइये सब से पहले हम ये समझते हैं कि इनकम टैक्स के कौनसे सेक्शंस में टैक्स छूट मिलती है।
सबसे जरूरी बात जो ध्यान रखनी है वो है- सेविंग (savings) और खर्चों (expenses) को इस हिसाब से रखना है ताकि आप उस पर मिल रही टैक्सछूट का फायदा ले सकें।
स्टैंडर्ड डिडक्शन
स्टैंडर्ड डिडक्शन का मतलब वेतन या पेंशन आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों के लिए एक फ्लैट कटौती है। इसे बजट 2018 में परिवहन भत्तेमें छूट और विविध चिकित्सा खर्चों की प्रतिपूर्ति के बदले में पेश किया गया था। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा50,000 रुपये है।
नेशनल पेंशन सिस्टम या एनपीएस (NPS)
एनपीएस (NPS) में योगदान करने वाले कर्मचारी अपने स्वयं के योगदान contribution पर निम्नलिखित कर लाभ benefit के लिए पात्र हैं:
- जब आप एनपीएस में निवेश करते हैं तो नेशनल पेंशन सिस्टम 80सीसीडी (1बी) के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूटका फायदा मिलता है।
- कोई भी NPS सब्सक्राइबर रुपये की कुल सीमा में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD (1) के तहत बॆसिक इनकम का 10 फीसदीतक टैक्स में डिडक्शन क्लेम कर सकता है. सेक्शन 80CCE के के तहत यह लिमिट 1.5 लाख है।
होम लोन ब्याज
अगर आपने होम लोन ले रखा है तो इनकम टैक्स के सेक्शन 24B के तहत आप 2 लाख के ब्याज पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं।
मेडिक्लेम पॉलिसी
इनकम टैक्स के सेशन 80D के तहत प्रिवेंटिव हेल्थकेयर चेक-अप की कॉस्ट सहित हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए 25,000 रुपए तक डिडक्शनक्लेम कर सकते।
- जीवनसाथी (spouse),
- बच्चों (children)
- अपने लिए (self)
इसके अलावा अगर माता-पिता जो वरिष्ठ नागरिक हैं के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं तो 50,000 रुपए तक अतिरिक्त डिडक्शन पा सकते हैं।
दान (Donation) सेक्शन 80G
इनकम टैक्स के सेक्शन 80G के तहत आप संस्थाओं को दान के रूप में या चंदे के रूप में दी गई रकम पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। हालांकि दान या चंदे को पुख्ता करने के लिए आपको दस्तावेज जमा कराने होंगे. जिस संस्थान को चंदा या दान देते हैं, उसकी तरफ से मुहर लगी रसीद मिलनी चाहिए।
Income Tax सेविंग – सेक्शन 80C
सेक्शन 80C के तहत आप 1.5 लाख रुपए बचा सकते हैं। धारा 80सी में निम्नलिखित बचत को गिना जाता है।
- EPF या VPF (कर्मचारी भविष्य निधि / स्वैच्छिक भविष्य निधि)
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड या PPF
- एनपीएसमें निवेश सेक्शन 80CCE के के तहत यह लिमिट 1.5 लाख है।
- गृह ऋण मूलधन Home loan principal
- दो बच्चों के ट्यूशन फीस के रूप में आप सालाना 1.5 लाख रुपए
- राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (NSC)
- इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS)
- सुकन्या समृद्धि योजना, सालाना 1.5 लाख रुपए
- टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term plan)
- यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)
- पांच साल के बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट
- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)
- बीमा कंपनी की पेंशन योजना (सेक्शन 80CCC)
- पारंपरिक जीवन बीमा/मनी बैक योजना
- डाक घर में पांच साल की जमा
अब हम इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मन लीजिए आप की सैलरी 10 लाख है। अब नीचे टेबल में आप देख सकते हैं, कि आप की टैक्स लायबिलिटी जीरो है
उदाहरण कर (Tax) Calculation:
Sr. No. | Income Head Description | Deduction Description | Amount | Remarks |
1 | Income आय | ₹10,00,000 | ||
2 | स्टैंडर्ड डिडक्शन | -₹50,000 | ||
3 | नेशनल पेंशन सिस्टम या एनपीएस (NPS) | -₹50,000 | ||
4 | 80C | -₹1,50,000 | ||
5 | होम लोन ब्याज | -₹2,00,000 | ||
6 | मेडिक्लेम पॉलिसी (80D) | -₹25,000 | मान लीजिए आपने पैरेंट पॉलिसी भी ली। | |
7 | दान (Donation) सेक्शन 80G | -₹25,000 | मान लीजिए आपने 25000 दान किए। | |
8 | Net Income | ₹5,00,000 | ||
9 | Tax लायबिलिटी | ₹12,500 | 2.5 लाख का 5% | |
10 | Tax छूट | -₹12,500 | आय 500000 के लिए कर छूट | |
11 | Tax देनदारी | ₹0 |